Essay on Diwali in Hindi
Diwali Essay in Hindi | दिवाली निबंध | दीपावली निबंध
भारत त्योहारों का देश है। पुरे साल यहाँ अलग अलग प्रदेशो में विभिन्न त्यौहार मनाये जाते है। पर इन सभी त्योहारों में दिवाली का त्यौहार प्रमुख है। दिवाली का त्यौहार साल का सब से बड़ा हिन्दू ओ का त्यौहार माना जाता है। दिवाली को दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। दिवाली साल का सब से लोकप्रिय त्यौहार भी है।
दिवाली के दिन ही भगवान श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या में वापिस लौटे थे। भगवान श्री राम रावण का वध करके और वनवास पूरा करके आये थे उस बात की ख़ुशी मनाने अयोध्या वासियो ने दिप जलाये थे। तभी से दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है।
हिन्दुओ के साथ साथ शीख, जैन और बौद्ध धर्म के लोग भी दिवाली का त्यौहार मनाते है। शिखो के छठे धर्मगुरु गुरु हरगोबिंद जी को मुग़ल राजा जहांगीर की कैद से आज ही के दिन आज़ाद किया गया था। इसी लिए शीख लोगो के लिए भी यह दिन बहुत महत्पूर्ण माना जाता है।
जैन धर्म के लोग दिवाली को महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मानते है। उनका मानना है की आज ही के दिन भगवन महावीर को मोक्ष प्राप्त हुवा था।
जैन धर्म के लोग दिवाली को महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मानते है। उनका मानना है की आज ही के दिन भगवन महावीर को मोक्ष प्राप्त हुवा था।
पुरे भारत में दिवाली का त्यौहार धाम धूम से और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत के अलावा पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, अमेरिका, फिजी, म्यांमार, सिंगापोर, कनाडा और अन्य कई देश जहाँ पर भारतीय रहते है वह सभी जगहों पर दिवाली बड़ी रौनक के साथ मनाई जाती है।
दशहरा की तरह दिवाली भी असत्य की सत्य पर विजय के रूप में मनाया जाता है। दिवाली बुराई पर अच्छाई की जीत, अँधेरे पर उजाले की जित और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का और निराशा पर आशा की विजय का प्रतिक है।
दिवाली को दीपावली कहने का कारन यह भी है की अयोध्या में लोगो ने दिपक का आवलि यानि की पूरी पंक्ति बनाई थी। इसी लिए दीपको की आवली को दीपावली के नाम से जाना जाता है। दिवाली अश्विन मास के अमावस्या के दिन मनाई जाती है जो ज्यादातर रूप से अक्टूबर या नवंबर के महीने में आती है।
भारतीय उपनिषदों में अँधेरे से उजाले या फिर प्रकाश की तरफ जाने की आज्ञा की गई है। उस रूप में भी दिवाली का महत्त्व बहुत ज्यादा रहता है। दिवाली अंधेरो को हटाकर उजाले की तरफ जाने का ही तो नाम है।
दीवाली का उत्सव तो देखते ही बनता है। लोग कई दिनों पहले से ही दिवाली की तयारी में जुट जाते है। दीवाली स्वछता और प्रकाश का पर्व है। इसी लिए लोग दिवाली से पहले ही घर दुकान महोल्ले और अपनी जगहों की सफाई करना और साफ सुथरा करने में लग जाते है। बच्चे और बड़े अपने लिए नए नए कपडे लाते है और घर पर मिठाईया भी बनाई जाती है।
दिवाली का त्यौहार 5 दिनों तक मनाया जाता है। दिवाली की शुरुआत दिवाली के 2 दिनों पहले हो जाती है और शुरुआत होती है धनतेरस से। धनतेरस देवी लक्ष्मी और भगवान धनवंतरी की पूजा करके मनाया जाता है। ( Dhanteras Images यहाँ से पाए ) लक्ष्मी देवी धन की देवी मणि जाती है और उनकी कृपा से ही समृद्धि मिलती है तो वहाँ भगवान धनवंतरी स्वास्थ्य के देवता मने जाते है। यानि की धनतेरस के दिन स्वास्थ्य और ऐश्वर्य की कामना की जाती है।
दिवाली के दुसरे सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार में है भाई दूज। भाई दूज भैया दूज के नाम से भी जाना जाता है। (bhai dooj images यहाँ से पाए) भाई दूज का त्यौहार रक्षाबंधन की तरह ही भाई और बहन के बिच का प्यार बयां करता है।
दीवाली के दिन लोग फटाखे जलाते है और अँधेरे को भगाकर दीवाली मनाते है। अब तो दिवाली पर ऐसे ऐसे फटाखे मिलते है जिसे दिवाली का त्यौहार और उत्साह देखते ही बनता है। हालाँकि इन सभी फटाखों और आतिशबाजी से हवा में प्रदूषण फैलता है। पहले के वक्त में सिर्फ दिए जलाकर ही दिवाली मनाई जाती थी उसके बदले अब महंगे फटाखों ने ले ली है। जो हवा के साथ साथ ध्वनि प्रदूषण भी फैलाते है।
लेकिन प्रदूषण के प्रति लोगो की बढ़ती जागरूकता के कारन कई लोग दिवाली में फटाखे नहीं जलाते है। उनके बजाय वो सिर्फ दिये और केंडल्स जलाकर दिवाली मानते है। तो कई लोग इन सभी चीज़ो में खर्च करने के बजाय किसी जरूरत मंद इंसान को मदद करके दिवाली मानते है। वैसे भी दिवाली का त्यौहार जीवन में से अँधेरे को मिटाने के लिए ही आता है वो फिर अपना जीवन हो या किसी ओर का। अगर हम दिवाली की इसी भावना को पकड़ेंगे तो दुनिया में हर जरुरत मंद इंसान सही रूप में दिवाली मन पायेगा।
एक रूप से देखे तो दिवाली हमे हर तरह का संदेश देता है जिसमे धनतेरस का त्यौहार समृद्धि और स्वास्थ्य को सँभालने का और उनकी पूजा करने का सन्देश देता है। भाई दूज का त्यौहार हमारे जीवन में परिवार के प्यार का महत्त्व दर्शाते है जबकि दीवाली ख़ुशी, उत्साह और आशा का संदेश देता है और यही वजह है की दिवाली सबका प्रिय त्यौहार है।
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