Essay on Makar Sankranti in Hindi
नमस्कार दोस्तों ! हम makar sankranti in hindi के इस विशेष आर्टिक्ल में आप का स्वागत करते है। इस पोस्ट में हमने Essay on Makar Sankranti in Hindi के साथ साथ मकर संक्रांति का महत्व क्या है और मकर संक्रांति 2018 कब है जैसे तथ्यों के जवाब देने का प्रयत्न किया है। आप इस वेबसाइट पे और भी हिंदी निबंध पा सकते है।
मकर संक्रांति निबंध शुरू करने से पहले हम आपको बताना चाहेंगे की मकर संक्रांति 2018 कब है। हम सभी जानते है की भारत वर्ष में मकर संक्रांति का त्यौहार हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। 2018 में 14 जनवरी रविवार को है यानि की इस साल मकर संक्रांति रविवार को है।
मकर संक्रांति निबंध शुरू करने से पहले हम आपको बताना चाहेंगे की मकर संक्रांति 2018 कब है। हम सभी जानते है की भारत वर्ष में मकर संक्रांति का त्यौहार हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। 2018 में 14 जनवरी रविवार को है यानि की इस साल मकर संक्रांति रविवार को है।
Makar Sankranti in Hindi | Makar Sankranti Essay in Hindi
Makar Sankranti in Hindi | Makar Sankranti Essay in Hindi
मकर संक्रांति हिन्दुओ के प्रमुख त्योहारों में से एक है और पुरे भारत में इसे अलग अलग नाम से हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत के साथ साथ नेपाल में भी मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है।
पौष माह में सूर्य मकर राशि में प्रबेश करता है इसी लिए इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। आज के दिन से ही सूर्य की उत्तर दिशा की तरफ गति प्रारम्भ होती है इस लिए इसे कई जगहों पर उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है। आइये जानते है की विभिन्न प्रदेशो में संक्रांति को किस नाम से जाना जाता है।
- भारत में संक्रांति के विभिन्न नाम :
- भारत के बहार संक्रांति के विभिन्न नाम :
मकर संक्रांति का महत्त्व
मकर संक्रांति का हमारे जीवन में बहुत ही महत्त्व है। चलो अब जानते है की पुराणों की हिसाब से मकर संक्रांति का क्या महत्त्व है। शास्त्रों के मुताबिक दक्षिणायन को देवताओ की रात्रि यानि की नकारात्मक शक्ति का प्रतिक माना जाता है जबकि उत्तरायण को देवताओ का दिन यानि की सकारात्मक शक्ति का प्रतिक माना जाता है।
मकर संक्रांति से सूर्य उत्तर की और बढ़ता है यानि की नकारात्मक शक्ति का प्रभाव कम होता है और सकारात्मक शक्ति का प्रभाव बढ़ता है। ऐसा माना जाता है की मकर संक्रांति के दिन किया गया दान सौ गुना होकर हमें वापिस मिलता है और हमें मोक्ष की प्राप्ति करवाता है।
मकर संक्रांति से ही सूर्य उत्तरी गोलार्ध में बढ़ता है जिससे दिन बड़ा और राते छोटी होने लगती है इसी तरह ठंडी कम होती है और गरमी की शुरुआत होने लगाती है। दिन बड़ा होने से प्रकाश बढ़ता है और अंधकार कम होता है इसी लिए मकर संक्रांति का अनोखा ही महत्त्व है।
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मकर संक्रांति हिन्दुओ के प्रमुख त्योहारों में से एक है और पुरे भारत में इसे अलग अलग नाम से हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत के साथ साथ नेपाल में भी मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है।
पौष माह में सूर्य मकर राशि में प्रबेश करता है इसी लिए इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। आज के दिन से ही सूर्य की उत्तर दिशा की तरफ गति प्रारम्भ होती है इस लिए इसे कई जगहों पर उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है। आइये जानते है की विभिन्न प्रदेशो में संक्रांति को किस नाम से जाना जाता है।
- भारत में संक्रांति के विभिन्न नाम :
- भारत के बहार संक्रांति के विभिन्न नाम :
मकर संक्रांति का महत्त्व
मकर संक्रांति का हमारे जीवन में बहुत ही महत्त्व है। चलो अब जानते है की पुराणों की हिसाब से मकर संक्रांति का क्या महत्त्व है। शास्त्रों के मुताबिक दक्षिणायन को देवताओ की रात्रि यानि की नकारात्मक शक्ति का प्रतिक माना जाता है जबकि उत्तरायण को देवताओ का दिन यानि की सकारात्मक शक्ति का प्रतिक माना जाता है।
मकर संक्रांति से सूर्य उत्तर की और बढ़ता है यानि की नकारात्मक शक्ति का प्रभाव कम होता है और सकारात्मक शक्ति का प्रभाव बढ़ता है। ऐसा माना जाता है की मकर संक्रांति के दिन किया गया दान सौ गुना होकर हमें वापिस मिलता है और हमें मोक्ष की प्राप्ति करवाता है।
मकर संक्रांति से ही सूर्य उत्तरी गोलार्ध में बढ़ता है जिससे दिन बड़ा और राते छोटी होने लगती है इसी तरह ठंडी कम होती है और गरमी की शुरुआत होने लगाती है। दिन बड़ा होने से प्रकाश बढ़ता है और अंधकार कम होता है इसी लिए मकर संक्रांति का अनोखा ही महत्त्व है।
मकर संक्रांति से ही सूर्य उत्तरी गोलार्ध में बढ़ता है जिससे दिन बड़ा और राते छोटी होने लगती है इसी तरह ठंडी कम होती है और गरमी की शुरुआत होने लगाती है। दिन बड़ा होने से प्रकाश बढ़ता है और अंधकार कम होता है इसी लिए मकर संक्रांति का अनोखा ही महत्त्व है।