Holi Par Nibandh | Holi Essay in Hindi : नमस्कार दोस्तों। आप सभी को होली की ढेरों शुभकामनाये। हम सभी जानते है की भारत त्योहारों का देश है और इन सभी त्योहारों में से सबसे रंगीला और कलरफुल त्यौहार है होली। इस आर्टिकल में हम होली पर निबंध हिंदी में लेकर आये है। हमने और भी हिंदी निबंध या essay in hindi आपके लिए कलेक्ट किये है उसे भी देखना न भूले। हमने इस होली निबंध पोस्ट में होली से जुडी सभी जानकारी आपके सामने रखने की कोशिश की है जो आपको short essay on holi festival in hindi और holi pe paragraph in hindi लिखने में मददगार साबित होंगे।
इस तरह के विषय स्कूल छात्रों को निबंध लेखन और प्रोजेक्ट मेकिंग में दिए जाते है। यह निबंध आर्टिकल सभी कक्षा के छात्रों को मददरूप होगा ऐसा हमें विश्वास है। यानि की कक्षा 1 2 3 4 5 6 7 8 9 और 10 तक के स्टूडेंट्स को इस निबंध से अच्छी जानकारी प्राप्त होगी। तो आइये चलते है अब Holi in Hindi निबंध की ओर।
Holi Par Nibandh | Holi Essay in Hindi
होली यानि की रंगो का त्यौहार कहो या फिर रंगोत्सव। पूरा भारतवर्ष रंगो के इस त्यौहार को बड़े ही हर्ष और उल्लास से मनाते है। होली को होलिका, फ़गुआ, धुलेंडी और दोल के नाम से भी जाना जाता है। होली हिंदू धर्म का त्यौहार है और भारत के सभी क्षेत्र के लोगों के साथ साथ नेपाल में भी धूमधाम से मनाया जाता है।
हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है जो की वसंत ऋतू में आता है। बसंत पंचमी से तकरीबन 40 दिनों बाद होली का त्यौहार आता है। होली ज्यादातर अंग्रेजी कैलेंडर के अप्रैल महीने में आता है। बसंत ऋतू में होली मनाई जाती है इसी लिए होली की वसंतोत्सव भी कहा जाता है।
होली भारत के प्रमुख ऐतिहासिक त्योहारों में से एक है और उसके साथ कई पौराणिक कथाएँ जुडी हुई है। सबसे प्रसिद्ध होली से जुडी कहानी है प्रहलाद और हिरण्यकशिपु की। कहानी के अनुसार पुराने समय में हिरण्यकशिपु नामका एक शक्तिशाली असुर था। जो काफी बलवान था और अपने बल के घमंड में वो अपने आप को भगवान से भी ज्यादा शक्तिशाली मानने लगा था और अपने राज्य में भगवान की पूजा करने पर उसने रोक लगा दी थी।
हिरण्यकशिपु का एक बेटा था जिसका नाम था प्रहलाद। प्रहलाद भगवान विष्णु का भक्त था और हर वक्त वो उनकी पूजा और भक्ति में लीन रहता था। हिरण्यकशिपु ने उसको विष्णु भक्ति छोड़ने के लिए बहुत सारे प्रलोभन दिए और कठिन शिक्षा भी की लेकिन प्रहलाद माना नहीं।
इसी लिए प्रहलाद को सजा देने के लिए हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका को बुलाया। होलिका को भगवान वरदान था की अग्नि उसे जला नहीं पायेगी। हिरण्यकशिपु ने प्रहलाद को सजा देने के लिए उसे होलिका के साथ आग में बिठाकर जलने का षडयंत्र रचा। होलिका प्रहलाद को लेकर आग में बैठी लेकिन भगवान के चमत्कार से प्रहलाद बच गया और होलिका जल गई। बुराई के नाश के प्रतिक के रूप में और प्रहलाद की भक्ति की जीत की ख़ुशी में हर साल होली मनाई जाती है।
इसके अलावा भी और कुछ मान्यता है होली का त्यौहार मनाये जाने में। जैसे की होली के दिन ही श्री कृष्णा ने पूतना नामक राक्षशी का वध किया था और इसी ख़ुशी में गोपियों ने रास लीला रचाई थी। तो कुछ लोग इसे शंकर भगवन और माता पारवती की शादी के साथ जोडते है। कई लोग मानते है की लोग रंग लगाकर और नाचते गाते शिव गण बनाते है और भगवान शिव की बारात का दृश्य बनाते है।
होली का त्यौहार जितना पौराणिक है उतनी ही पौराणिक इससे जुडी परंपरा है। समय के साथ साथ उसमे परिवर्तन हुआ है लेकिन वे आज भी बनी हुई है। पुराणों के अनुसार होली पर परिवार की सुख शांति के लिए चाँद की पूजा की जाती थी। तो कुछ जगह होली के दिन खेतो में पैदा हुए अन्न से यज्ञ किया जाता था और उसकी प्रसाद ली जाती थी।
होली मनाने के लिए सबसे पहले खुली जगह में लकड़ी या कहे डंडा इकठ्ठे किये जाते है और उसको जलाकर होली मनाई जाती है। लकड़ी के साथ साथ अग्नि में उपलों को भी डाला जाता है। विधिवत पूजा के साथ होली जलाई जाती है और उसकी प्रदक्षिणा की जाती है। अग्नि में नारियल और धान को भुना जाता है। इस तरह से होली मनाई जाती है।
होली का दूसरा दिन धूलिवंदन के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग इक दुसरे को लाल रंग लगाते है और बड़े हर्षोल्लास के साथ इस त्यौहार को मनाते है। रंगो से खेलने के कारण इसे रंगोत्सव भी कहा जाता है। लोग सुबह से ही लाल रंग और अबिल गुलाल लेके निकल पड़ते है। एक दुसरे के गले मिलते है और पुरानी ईर्ष्या द्वेष भाव भुलाकर रंगो से खेलते है। लोग टोलिया बनाकर बड़े ही आनंद से होली का त्यौहार मनाते है। शाम को प्रीति भोज और बहार घूमने का कार्यक्रम रखते है।
होली के दिन घरो में खीर पूरी जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते है और बहुत सारी मिठाईया बनाई जाती है जिसमे गुझिया का स्थान और महत्त्व बहुत ज्यादा है। दहीवडा और बेसन के सेव भी बनाई जाती है। होली राग और रंग का त्यौहार है।
वैसे तो होली हंसी ख़ुशी और रंगो का त्यौहार है और समय के मुताबिक इसमें भी आधुनिकता की हवा लगी है। कुछ लोग कुदरती रंगो के बजाय रासायनिक रंग का इस्तेमाल करते है जो त्वचा को हानि पहुंचाता है और होली की भावना से भी विपरीत है। तो कुछ लोग ठंडाई की जगह नशेबाजी करते है। लेकिन ऐसे भी कई लोग है जो इस दिन अच्छा कार्य करते है और होली की भावना और सेलेब्रेशन का महत्त्व कम नहीं होने देते है।
हम उम्मीद रखते है होली के बारे में दी गई जानकारी आपको होली पर हिंदी में निबंध के लिए काम आएगी और आपको small or short paragraph लिखने में भी मददगार साबित होगा। आप इस पुरे आर्टिकल में से महत्वपूर्ण 10 lines on holi festival in hindi कलेक्ट कर सकते है। आप भी पारंपरिक तरीको से होली मनाये और इसका महत्त्व बनाये रखे। आप सभी को होली की रंगो भरी बधाई।
हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है जो की वसंत ऋतू में आता है। बसंत पंचमी से तकरीबन 40 दिनों बाद होली का त्यौहार आता है। होली ज्यादातर अंग्रेजी कैलेंडर के अप्रैल महीने में आता है। बसंत ऋतू में होली मनाई जाती है इसी लिए होली की वसंतोत्सव भी कहा जाता है।
होली भारत के प्रमुख ऐतिहासिक त्योहारों में से एक है और उसके साथ कई पौराणिक कथाएँ जुडी हुई है। सबसे प्रसिद्ध होली से जुडी कहानी है प्रहलाद और हिरण्यकशिपु की। कहानी के अनुसार पुराने समय में हिरण्यकशिपु नामका एक शक्तिशाली असुर था। जो काफी बलवान था और अपने बल के घमंड में वो अपने आप को भगवान से भी ज्यादा शक्तिशाली मानने लगा था और अपने राज्य में भगवान की पूजा करने पर उसने रोक लगा दी थी।
हिरण्यकशिपु का एक बेटा था जिसका नाम था प्रहलाद। प्रहलाद भगवान विष्णु का भक्त था और हर वक्त वो उनकी पूजा और भक्ति में लीन रहता था। हिरण्यकशिपु ने उसको विष्णु भक्ति छोड़ने के लिए बहुत सारे प्रलोभन दिए और कठिन शिक्षा भी की लेकिन प्रहलाद माना नहीं।
इसी लिए प्रहलाद को सजा देने के लिए हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका को बुलाया। होलिका को भगवान वरदान था की अग्नि उसे जला नहीं पायेगी। हिरण्यकशिपु ने प्रहलाद को सजा देने के लिए उसे होलिका के साथ आग में बिठाकर जलने का षडयंत्र रचा। होलिका प्रहलाद को लेकर आग में बैठी लेकिन भगवान के चमत्कार से प्रहलाद बच गया और होलिका जल गई। बुराई के नाश के प्रतिक के रूप में और प्रहलाद की भक्ति की जीत की ख़ुशी में हर साल होली मनाई जाती है।
इसके अलावा भी और कुछ मान्यता है होली का त्यौहार मनाये जाने में। जैसे की होली के दिन ही श्री कृष्णा ने पूतना नामक राक्षशी का वध किया था और इसी ख़ुशी में गोपियों ने रास लीला रचाई थी। तो कुछ लोग इसे शंकर भगवन और माता पारवती की शादी के साथ जोडते है। कई लोग मानते है की लोग रंग लगाकर और नाचते गाते शिव गण बनाते है और भगवान शिव की बारात का दृश्य बनाते है।
होली का त्यौहार जितना पौराणिक है उतनी ही पौराणिक इससे जुडी परंपरा है। समय के साथ साथ उसमे परिवर्तन हुआ है लेकिन वे आज भी बनी हुई है। पुराणों के अनुसार होली पर परिवार की सुख शांति के लिए चाँद की पूजा की जाती थी। तो कुछ जगह होली के दिन खेतो में पैदा हुए अन्न से यज्ञ किया जाता था और उसकी प्रसाद ली जाती थी।
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होली मनाने के लिए सबसे पहले खुली जगह में लकड़ी या कहे डंडा इकठ्ठे किये जाते है और उसको जलाकर होली मनाई जाती है। लकड़ी के साथ साथ अग्नि में उपलों को भी डाला जाता है। विधिवत पूजा के साथ होली जलाई जाती है और उसकी प्रदक्षिणा की जाती है। अग्नि में नारियल और धान को भुना जाता है। इस तरह से होली मनाई जाती है।
होली का दूसरा दिन धूलिवंदन के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग इक दुसरे को लाल रंग लगाते है और बड़े हर्षोल्लास के साथ इस त्यौहार को मनाते है। रंगो से खेलने के कारण इसे रंगोत्सव भी कहा जाता है। लोग सुबह से ही लाल रंग और अबिल गुलाल लेके निकल पड़ते है। एक दुसरे के गले मिलते है और पुरानी ईर्ष्या द्वेष भाव भुलाकर रंगो से खेलते है। लोग टोलिया बनाकर बड़े ही आनंद से होली का त्यौहार मनाते है। शाम को प्रीति भोज और बहार घूमने का कार्यक्रम रखते है।
होली के दिन घरो में खीर पूरी जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते है और बहुत सारी मिठाईया बनाई जाती है जिसमे गुझिया का स्थान और महत्त्व बहुत ज्यादा है। दहीवडा और बेसन के सेव भी बनाई जाती है। होली राग और रंग का त्यौहार है।
वैसे तो होली हंसी ख़ुशी और रंगो का त्यौहार है और समय के मुताबिक इसमें भी आधुनिकता की हवा लगी है। कुछ लोग कुदरती रंगो के बजाय रासायनिक रंग का इस्तेमाल करते है जो त्वचा को हानि पहुंचाता है और होली की भावना से भी विपरीत है। तो कुछ लोग ठंडाई की जगह नशेबाजी करते है। लेकिन ऐसे भी कई लोग है जो इस दिन अच्छा कार्य करते है और होली की भावना और सेलेब्रेशन का महत्त्व कम नहीं होने देते है।
हम उम्मीद रखते है होली के बारे में दी गई जानकारी आपको होली पर हिंदी में निबंध के लिए काम आएगी और आपको small or short paragraph लिखने में भी मददगार साबित होगा। आप इस पुरे आर्टिकल में से महत्वपूर्ण 10 lines on holi festival in hindi कलेक्ट कर सकते है। आप भी पारंपरिक तरीको से होली मनाये और इसका महत्त्व बनाये रखे। आप सभी को होली की रंगो भरी बधाई।
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nice
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