श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध हिंदी में | Essay on Janmashtami in Hindi

Essay on Janmashtami in Hindi : कृष्ण जन्माष्टमी कहे या फिर सिर्फ जन्माष्टमी, यह हम सबके प्यारे भगवान श्रीकृष्णा का जन्मदिन है। हम सब जानते है की भारत त्योहारों का देश है और सभी जाती और धर्म के लोग यहाँ मिल झूल कर रहते है। भारत में दीवाली, मकर संक्रांति, दशहरा, जन्माष्टमी और कई सारे त्यौहार बड़ी ही शानदार रूप में मनाये जाते है। 

जन्माष्टमी हिंदूओ के उन प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहारों मे से एक है जिनका उत्सव हर भारतीय धामधूम से मनाते है। इस पोस्ट में हमने जन्माष्टमी पर हिंदी में निबंध और अन्य कुछ जन्माष्टमी से जुडी जानकारी आपसे शेयर की है। उम्मीद है की आपको यह जानकारी पसंद आएगी। यहाँ दी गई जानकारी आपको जन्माष्टमी पर निबंध तैयार करने में काफी उपयोगी साबित होंगी। तो चले बढ़ते है निबंध की तरफ। 


Essay on Janmashtami in Hindi



जन्माष्टमी :

 जैसे की हमने पहले बताया की जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन है और उसी को हम जन्माष्टमी के रूप में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते है। जन्माष्टमी हिन्दू  कैलेण्डर के मुताबिक भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध करने के लिए इसी दिन धरती पर जनम लिया था। 

जन्माष्टमी को कृष्णा जन्माष्टमी के साथ साथ श्री जयंती, कृष्णाष्टमी और गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। जन्माष्टमी पुरे हर्षोल्लास के साथ भारत में और विदेश में जहाँ जहाँ भारतीय बसे हुए है वो हर एक जगह या देश में मनाया जाता है। क्यूँकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, मथुरा में जन्माष्टमी के त्यौहार की रौनक देखते ही बनती है। सजावट, नाच गान और भजन कीर्तन से मथुरा की रौनक देखते ही बनती है। इसीलिए मथुरा में लोग देश भर में से जन्माष्टमी मनाने आते है। 

जन्माष्टमी के अवसर पर देशभर के कुष्ण मंदिरो को सजाया जाता है और मंदिरो में कुष्ण की झांकिया बनाई जाती है। जगह जगह पर रास लीला और कृष्णलीला के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और मंदिरो में किशन कन्हैया को झूला झुलाया जाता है। स्री और पुरुष उपवास रखते है और आधी रात होते ही श्री कृष्णा का जन्मोत्सव मनाकर व्रत तोड़ते है। 

दही हांड़ी : जन्माष्टमी का त्योहार देश के कई इलाको में खासकर मुंबई और गुजरात में दही हांड़ी का कार्यक्रम रखकर भी मनाया जाता है। दही हांड़ी प्रतियोगिता में विविध टोलिया बाल गोविंदा बनाकर भाग लेते है। एक मटके में छाछ और दही भरकर उसे रस्सि की मदद से आसमान में लटकाया जाता है। बाल गोविंदा और उनकी टीम पिरामिड बनाकर उस मटकी को फोड़ते है और जन्माष्टमी का त्यौहार नाच गान व उल्लासपूर्ण तरीके से मनाते है। 

जन्माष्टमी पर निबंध आपको कैसा लगा इसके बारे में निचे दिए गए कमेंट बॉक्स के जरिये हमें जरूर बताये और इस पोस्ट को लाइक व् शेयर करना नहीं भूले।  

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